संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने ट्रेड, निवेश और एविएशन समेत विभिन्न सेक्टर्स में संबंधों को मजबूत करने के लिए पाकिस्तान के साथ एमओयू साइन किए हैं. पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने इस पर कहा है कि पाकिस्तान बस एमओयू साइन कर रह रहा है और भारत वहां 83.6 अरब डॉलर का बिजनेस कर रहा है, 2300 भारतीय कंपनियां यूएई-इंडिया ट्रेड कॉरिडोर का हिस्सा हैं. यहां पाकिस्तानी बस अय्याशी करने यूएई पहुंच जाते हैं. उन्होंने कहा कि इंडियन कंपनियां वहां राज कर रही हैं, लेकिन हमें कुछ करने की या सोचने जरूरत ही नहीं है.

कमर चीमा ने कहा कि पाकिस्तान सिर्फ एमओयू साइन करता है, मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग कि ताल्लुकात को हमें आगे लेकर जाना है. पता नहीं अब और कितने देशों के साथ हम एमओयू साइन करेंगे. उन्होंने कहा कि यूएई के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के साथ सिर्फ एमओयू साइन किए, कोई एग्रीमेंट हुआ हो, ऐसा कुछ नहीं है. पाक एक्सपर्ट ने कहा कि भारत की 2300 कंपनियां इंडिया-यूएई ट्रेड कॉरिडोर का हिस्सा हैं. इन कंपनियों ने जबल अली फ्री जोन (Jafza) में इनवेस्ट किया है. ये कंपनियां यूएई-इंडिया ट्रेड के 87 परसेंट हिस्से को चला रही हैं.

कमर चीमा ने कहा कि भारतीय कंपनियां बिजनेस का एक स्ट्रेटेजिक इनफ्रास्ट्रक्चर बना रही हैं और दोनों देशों की लीडरशिप अपने बिजनेसमैन को फायदे दे रही हैं. उन्होंने कहा कि इंडिया यूएई का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. दोनों की 83.6 बिलियन डॉलर की बायलेट्रल पार्टनरशिप है और उनका टारगेट इसको 100 बिलियन डॉलर तर ले जाने का है. 

कमर चीमा ने कहा कि Jafza कितनी बड़ी चीज बन चुकी है, 2300 इंडियन कंपनियां हैं. सिर्फ इसमें ही करीब 7 अरब डॉलर की ट्रेड है. 4.1 मिलियन टन गुड्स वहां प्रोसेस होता है. Jafza यूएई की 87 परसेंट ऑयल ट्रेड इंडिया के साथ करता है. उन्होंने कहा कि वहां पर 2023 में इंडियन कंपनियों के रजिस्ट्रेशन में 28 परसेंट की ग्रोथ हुई है. 

पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने कहा कि Jafza में जो भारत मार्ट है, वो बहुत बड़ी जगह में बना है. भारत मार्ट Jafza में करीब 2.7 मिलियन स्कवायर फीट में बना है तो इससे ही अंदाजा लगा लें. ये एक ऐसी फैसिलिटी है, जिसको समंदर, जमीन सबकुछ लगता है. उन्होंने कहा कि भारत मार्ट हर चीज लेकर निकल गया. हम पाकिस्तानियों को तो समझ आना नहीं है, हमारे तो सारे टिकटॉकर वहां भाग रहे हैं कि वहां रहेंगे मजे से. हम बस इस सब में ही पड़े हुए हैं. हमारे लिए यूएई बस एक पनाहगाह बन गया है. वहीं, इंडियंस यूएई को बिजनेस के तौर पर देखते हैं. 

पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा, ‘मैं सिर्फ ये जानना चाहता हूं कि हमारे लोगों को कोई समझ नहीं है. आगे आप देखें कि भारतीयों ने जबल अली एयरपोर्ट से डयारेक्ट मकतूम एयरपोर्ट की एक्सेस ली हुई है. इंडियन एंटरप्राइजेज Jafza के अंदर पूरा राज कर रही हैं. उनको पता है कि बिजनेस कैसे करना है, पाकिस्तानियों को नहीं पता. आप तो वहां बस अय्याशियां मारने के लिए जाते हैं.’

यूएई के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री शेख अबुदल्लाह बिन जायद अल नहायन 20 अप्रैल को दो दिन के लिए पाकिस्तान गए थे. यहां सोमवार को पाक के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक दार के साथ उन्होंने एमओयू साइन किए थे.

यह भी पढ़ें:-
भारत में टेस्ला की लॉन्चिंग? एलन मस्क की प्लानिंग पर बोले PAK एक्सपर्ट- जनाब कुर्बानियां दें हम और बिजनेस करने पहुंच गए इंडिया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *