फिलिपींस को चीन से बचाएगा भारत का ब्रह्मास्त्र, इंडिया ने भेजी ब्रह्मोस मिसाइल की दूसरी खेप

Philippines Deployed BrahMos Missile: दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच फिलीपींस ने मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें खरीदीं थी. 2022 में भारत और फिलिपींस के बीच करीब 3131 करोड़ की रक्षा डील हुई थी, जिसके तहत तीन मिसाइल बैटरियों की आपूर्ति की जानी थी. पहली बैटरी अप्रैल 2024 में एयरफोर्स विमान से भेजी गई थी, वहीं, दूसरी खेप अब समुद्री मार्ग से रवाना हो चुकी है.

दरअसल, इन मिसाइलों को फिलिपींस ने स्ट्रेटेजी के तहत महत्वपूर्ण जगहों पर तैनात किया है, जिससे चीन के किसी भी हमले  का तुरंत और सटीक जवाब दिया जा सके.

भारत की तकनीकी शक्ति- ब्रह्मोस मिसाइल
भारत तक की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रह्मोस मिसाइल की रफ्तार 2.8 मैक है, यानी यह आवाज की गति से करीब तीन गुना तेज है. यह 290 किलोमीटर तक लक्ष्य भेद सकती है और इसे जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च किया जा सकता है. ब्रह्मोस भारत और रूस का जॉइंट प्रोजेक्ट है, जो अब 83% तक स्वदेशी बन चुकी है. यह मिसाइल केवल एक हथियार नहीं बल्कि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और ग्लोबल स्ट्रेटेजिक रोल का संकेत है. भारत अब सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि सहयोगी देशों के लिए भी एक भरोसेमंद रक्षा भागीदार के रूप में उभर रहा है.

फिलिपींस ने क्यों चुना भारत का ब्रह्मास्त्र?
फिलिपींस की आबादी 11.46 करोड़ है और उसका क्षेत्रफल भारत से लगभग 996% छोटा है. फिर भी, वह चीन की सैन्य धमकियों का डटकर सामना करने के लिए भारत के साथ खड़ा हुआ है. दक्षिण चीन सागर में चीन की हरकतों से परेशान होकर उसने भारत से मदद ली और ब्रह्मोस को खरीदा. अब ब्रह्मोस की तैनाती पश्चिमी लुज़ोन में कर दी गई है, यह एक ऐसा रणनीतिक इलाका है जहां से चीन के युद्धपोत, ड्रोन और फाइटर जेट्स तक सीधा निशाना साधा जा सकता है. 

बता दें कि फरवरी 2023 में फिलीपींस की नौसेना के 21 अधिकारियों ने भारत में प्रशिक्षण लिया था. अब फिलीपींस के पास रिपल अटैक की क्षमता है,यानी एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है. इससे चीन को स्पष्ट संदेश गया है कि फिलीपींस अब कमजोर नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से तैयार है.

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